9.2 C
Munich
Tuesday, October 28, 2025

छठ महापर्व का आज आखिरी दिन, व्रतियों ने उगते सूरज को दिया अर्घ्य, पटना से लेकर दिल्ली और मुंबई के घाटों पर रौनक

Must read

चार दिवसीय छठ पर्व 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ के साथ शुरू हुआ था और आज 28 अक्टूबर को संपन्न हो रहा है। रांची से लेकर पटना और गोरखपुर से दिल्ली तक छठ के व्रती घाटों के किनारे जमा हैं।

लोकआस्था के महापर्व छठ का आज समापन हो रहा है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ साथ पिछले तीन दिनों से मनाया जा रहा ये पर्व आज समाप्त हो जाएगा। ज्यादातर जगहों पर सूर्योदय हो चुका है इसलिए श्रद्धालु अर्घ्य दे रहे हैं। घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। कुछ जगहों पर सूर्योदय हो चुका है तो कहीं सूर्य की पहली किरण की प्रतीक्षा की जा रही है। कमर तक पानी में जाकर छठ के व्रती सूर्य को अर्घ्य देंगे उसके बाद ठेकुआ प्रसाद के साथ व्रत का समापन होगा।

बिहारछठ महापर्व का आज आखिरी दिन, व्रतियों ने उगते सूरज को दिया अर्घ्य, पटना से लेकर दिल्ली और मुंबई के घाटों पर रौनक
छठ महापर्व का आज आखिरी दिन, व्रतियों ने उगते सूरज को दिया अर्घ्य, पटना से लेकर दिल्ली और मुंबई के घाटों पर रौनक
चार दिवसीय छठ पर्व 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ के साथ शुरू हुआ था और आज 28 अक्टूबर को संपन्न हो रहा है। रांची से लेकर पटना और गोरखपुर से दिल्ली तक छठ के व्रती घाटों के किनारे जमा हैं।

छठ पर्व
लोकआस्था के महापर्व छठ का आज समापन हो रहा है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ साथ पिछले तीन दिनों से मनाया जा रहा ये पर्व आज समाप्त हो जाएगा। ज्यादातर जगहों पर सूर्योदय हो चुका है इसलिए श्रद्धालु अर्घ्य दे रहे हैं। घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। कुछ जगहों पर सूर्योदय हो चुका है तो कहीं सूर्य की पहली किरण की प्रतीक्षा की जा रही है। कमर तक पानी में जाकर छठ के व्रती सूर्य को अर्घ्य देंगे उसके बाद ठेकुआ प्रसाद के साथ व्रत का समापन होगा।

घाट-घाट पर उमड़ा आस्था का सैलाब
चार दिवसीय यह पर्व 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ के साथ शुरू हुआ था और आज 28 अक्टूबर को संपन्न हो रहा है। रांची से लेकर पटना और गोरखपुर से दिल्ली तक छठ के व्रती घाटों के किनारे जमा हैं। रात भर से मंगल गीत गाए जा रहे हैं। इस वक्त घाटों की छटा देखने लायक है। इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग पर परिवार के सदस्यों के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ उत्सव में भाग लिया। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मुंगेर जिले के तारापुर स्थित अपने पैतृक आवास में पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।

पौराणिक मान्यताओं में छठ-

राम ने लंका से लौटने के बाद सूर्य पूजा की, सूर्यदेव की आराधना से कर्ण का जन्म हुआ।
पांडवों के वनवास में द्रौपदी ने छठ पूजा की, सूर्यदेव ने द्रौपदी को अक्षयपात्र दिया।
मार्कण्डेयपुराण में सूर्य को अर्घ्य का विधान, श्रीम‌द्भागवत में छठ व्रत परंपरा का वर्णन।
ऋग्वेद में सूर्य की पत्नी ऊषा और प्रत्यूषा की कथा।

छठ महापर्व की विशेषता-
सूर्य, पत्नी प्रत्यूषा और उषा, बहन षष्ठी की पूजा होती है, अर्घ्य देने से जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं। सूर्य देव की बहन देवी षष्ठी को छठी मैया कहा जाता है, संतानों की रक्षा करने वाली देवी हैं षष्ठी।
मान्यता है कि प्रकृति को 6 भागों में बांटा गया है, छठवें अंश को मातृ देवी के रूप में पूजा जाता है। छठी मईया भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं, सनातन धर्म में उगते सूर्य को अर्घ्य का विधान।
छठ पर्व में डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देने की परंपरा, अस्ताचल अर्घ्य से सूर्य और प्रत्यूषा का आशीर्वाद मिलता है। उगते अर्घ्य से सूर्य और उषा का आशीर्वाद मिलता है। छठ पूजा में व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है, उषा अर्घ्य के बाद व्रत खोला जाता है, ठेकुआ प्रसाद से छठ का व्रत खोलने का विधान है।

प्रकृति की पूजा का सबसे बड़ा उत्सव

यह पर्व कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को और दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु सूर्य भगवान और छठी मैया की आराधना कर अपने परिवार और संतानों के सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। पर्व के पहले दिन ‘नहाय-खाय’ के तहत श्रद्धालु गंगा समेत अन्य नदियों और तालाबों में स्नान करते हैं। दूसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और शाम को सूर्य व चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है। तीसरे दिन को ‘पहला अर्घ्य’ या ‘संध्या अर्घ्य’ कहा जाता है, जब परिवारजन नदी तट पर जाकर प्रसाद व अर्घ्य अर्पित करते हैं। चौथे और अंतिम दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन होता है।

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Latest article