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Saturday, July 12, 2025

भोजक-भात मैथिल मंच एक मंच – एक परिवार – एक सांस्कृतिक आंदोलन

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“जतय गीत गूंजए, जतय संस्कार बसए, जतय माय-बहीन माथा पर आँचल लेने बिना मंच पर न आबए — ओइ मंच के नाम छै, भोजक-भात मैथिल मंच!”

📅 स्थापना: 4 दिसंबर 2023
👤 संस्थापक: गंगा शंकर झा
👨‍👩‍👧‍👦 संचालक मंडली:
गंगा शंकर झा – संस्थापक व संचालनकर्ता (भाई)

नम्रता प्रिया – मुख्य एडमिन व मंच संचालन की धुरी (बहन)

सुंदर कांत पाठक – वरिष्ठ संरक्षक एवं मार्गदर्शक (नाना जी)

📍 प्रमुख मार्गदर्शक: शास्त्रीय संगीत गुरु/ गायक/ प्रोफेसर डा. पुष्कर भारती झा
संस्थापक:- जयश्री कैसेट कम्पनी एवं संगीताश्रम।

🎯 मुख्य उद्देश्य:
✅ मिथिला की लुप्त होती पारिवारिक संस्कृति, लोक कला, रीति-नीति और मातृभाषा मैथिली को जीवित रखना।
✅ उपेक्षित व नवोदित कलाकारों को मंच देना, जिन्हें प्रतिभा होते हुए भी अवसर नहीं मिल पाता।
✅ जरूरतमंद कलाकारों को आत्म-सम्मान और पहचान देनेवाला मंच तैयार करना।
✅ ऐसा “परिवार-सा मंच” बनाना जो पूरे मिथिला को दिल से, सम्मान से और अपनापन से जोड़े।

👑 भोजक-भात मैथिल मंच की अनुपम परंपरा — सिर पर आँचल, संस्कार की पहचान
भोजक-भात मैथिल मंच की सबसे महत्वपूर्ण और अनुकरणीय परंपरा यह है कि साप्ताहिक लाइव कार्यक्रम (हर शनिवार रात 9 बजे) और हर पर्व-त्योहार की पूर्व संध्या पर होने वाले विशेष लाइव में, जब भी कोई माँ, बहन या बेटी पैनल में शामिल होती है, वह सिर पर चुन्नी, दुपट्टा या आँचल रखकर ही जुड़ती है।
यह परंपरा मंच को सांस्कृतिक मर्यादा, श्रद्धा और पारिवारिक गरिमा का जीवंत उदाहरण बनाती है।

” एहि मंच पर प्रस्तुति सं पहिले, संस्कार सं जुड़ल होय जरूरी छै!”

🎤 कार्यक्रम की झलकियाँ
🌺 हर शनिवार रात 9 बजे — साप्ताहिक लाइव कार्यक्रम
🎊 हर पर्व की पूर्व संध्या पर — त्योहार विशेष सांस्कृतिक संध्या

🎼 अनहद कबीर सर की सुरीली ग़ज़लें इस लाइव की शालीनता और गहराई को और निखार देती हैं।

🏆 “1 साल बेमिसाल” – मंच की ऐतिहासिक उपलब्धि
मात्र एक वर्ष में मंच ने जो लोकप्रियता और सांस्कृतिक पहचान बनाई, वह पूरे मिथिला के लिए गर्व की बात है।

इस अवसर पर कई विशिष्ट व्यक्तित्व मंच को शुभकामनाएँ देने आए:

🎤 मनोरंजन झा – बॉलीवुड सिंगर

🎤 जमुना शर्मा – प्रसिद्ध लोकगायिका

🎼 डॉ. पुष्कर भारती – संगीताश्रम व जयश्री कैसेट्स के संस्थापक

✍️ वंदना चौधरी – प्रसिद्ध गीतकारा और कवयित्री

🎭 राधे भाई – हास्य कलाकार, गीतकार व मंच संचालक

✨ गंगा शंकर झा – भावनाओं का अनमोल स्वर
गंगा शंकर झा को आज के समय का “मिथिला का भावनात्मक युवा रचनाकार” कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
उनके गीतों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि —

” अगर आपने उनके किसी भी गीत की एक-एक पंक्ति ध्यान से सुनी, तो वह आपको रुलाए बिना नहीं छोड़ेगी।”

उनके प्रमुख गीत –

🎵 गौरी पुत्र गणेश – गायिका: नम्रता प्रिया
🎵 माँ क अछैत गंगा / “उगडूब उगडूब करे मोर नैया” – गायक: रंजीत झा
🎵 उगना घुइर क आऊ – गायक: नंदन बिहारी
🎵 राधा संग कन्हैया खेले – गायिका: नम्रता प्रिया
🎵 हे शिव सुनियऊ न हमर पुकार – गायक: अनीश

👉 कई बार सिंगर लाइव में गीत गाते-गाते भावुक होकर रो पड़ते हैं — यह उनके लेखन की ताकत और गहराई का प्रमाण है।

🌟 मंच के सांस्कृतिक स्तंभ और प्रमुख सदस्य
🎙️ सुमन सौरभ
🎙️ राजीव रंजन
🎙️ माला झा
🎙️ संगीता कुंवर
🎙️ प्रिया प्रशांत झा
🎙️ पायल ठाकुर
✍️ विजय इस्सर – गीतकार व लेखक
📚 अमित पाठक – साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक

👑 मंच की प्रेरणादायी महिलाएँ:
नम्रता प्रिया – मंच संचालन की केंद्रीय शक्ति

वंदना चौधरी – मंच की रचनात्मक आत्मा

संगीता मिश्रा, गूंजा मुकेश ठाकुर, सोनू ठाकुर, विजयलक्ष्मी – मंच की आत्मीय शक्ति

अदिति सिंह – युवा ऊर्जा व नारी चेतना की प्रतीक

🌟 प्रमुख युवा साथी:
कुंदन झा

ग़मगम ठाकुर

मनीष झा

रोशन वत्स

कृष्णानंद ठाकुर

🔚 निष्कर्ष
भोजक-भात मैथिल मंच अब केवल एक डिजिटल मंच नहीं, बल्कि एक जीवंत पारिवारिक आंदोलन है।
यहाँ हर स्वर भाव में डूबा है, हर प्रस्तुति में माँ की ममता, विरासत की गूँज और अपनापन है।

“एहि मंच सं मिथिला जुरैत छै – संस्कार, सम्मान आ संगीत सं!”

📺 YouTube: Bhojak Bhat Maithil Manch
📸 Instagram: @bhojakbhatmathilmanch

जय मिथिला !
जय मैथिली !!
जय भोजक-भात मैथिल मंच !!!

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