ऐसा जरूरी नहीं कि ब्यूटी पेजेंट जीतने के बाद किसी का सफल हीरोइन बनना तय हो। कई बार लाख कोशिशों के बाद भी ब्यूटी पेजेंट विनर्स को असफलता ही हाथ लगती है। ठीक ऐसा ही हुई था एक मिस वर्ल्ड के साथ, जिन्होंने अपनी ब्यूटी से भले ही दिल जीते लेकिन उनका करियर कभी हिट नहीं बन पाया।
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि ब्यूटी पेजेंट विनर्स फिल्मों का रुख करती हैं। कई लोगों का कहना है कि ब्यूटी पेजेंट जीतने के बाद उनकी राह आसान हो जाती है और चर्चाओं आने के चलते उन पर फिल्म मेकर्स की नजर पड़ती है। ऐश्वर्या, सुष्मिता और प्रियंका चोपड़ा की तरह सभी सफल करियर बनाने की चाहत रखती हैं, लेकिन ये मुकाम हासिल करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। ठीक ऐसा ही हुआ था युक्ता मुखी के साथ, जिन्होंने 1999 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया था। वो अपने पूरे करियर में उस पहचान के लिए तरसती रहीं, जो ऐश्वर्या और सुष्मिता को मिली। उनकी यात्रा कैसी रही और अब वो कहां हैं, चलिए आपको बताते हैं।
अध्यात्म की ओर था झुकाव
7 अक्टूबर 1977 को जन्मी युक्ता का मानना है कि शायद वह फिल्म इंडस्ट्री के लिए बनी ही नहीं थीं। उनका कहना है कि जब कोई नया होता है तो उसे सहयोग की उम्मीद होती है, लेकिन उनके साथ ऐसा अनुभव नहीं रहा। वह गर्व से कहती हैं, ‘मैंने तीन फ्लॉप फिल्में की हैं और मुझे इसमें कोई शर्म नहीं है।’ युक्ता मुखी का झुकाव बचपन से ही अध्यात्म की ओर रहा है। वे बताती हैं कि छोटी उम्र में ही वह अपनी दादी के साथ सत्संग और कीर्तन में जाया करती थीं। महज 14 साल की उम्र में उन्होंने एक आध्यात्मिक गुरु से मुलाकात की, जिनका आश्रम मुंबई के पास गणेशपुरी में स्थित था। उन्हें वहां का अनुशासित वातावरण और सभी के साथ समान व्यवहार बेहद पसंद आया।