7.1 C
Munich
Monday, October 13, 2025

कौन हैं IAF की स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा? MiG-21 को उसके विदाई समारोह में उड़ाएंगी

Must read

भारतीय वायु सेना की स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा मिग-21 के अंतिम उड़ान कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। राजस्थान के झुंझुनू की प्रिया, सातवीं महिला फाइटर पायलट हैं, जिन्होंने 2018 में ट्रेनिंग पूरी की। यह कार्यक्रम चंडीगढ़ वायु सेना स्टेशन पर आयोजित होगा।

चंडीगढ़: भारतीय वायु सेना (IAF) शुक्रवार को अपने आइकॉनिक मिग-21 फाइटर जेट को अलविदा कहने जा रही है। इस लड़ाकू विमान ने 6 दशकों से भी ज्यादा समय तक आसमान में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज की है। चंडीगढ़ वायु सेना स्टेशन, जहां 1963 में पहली बार मिग-21 को शामिल किया गया था, वहां इस जेट की विदाई के लिए एक भव्य समारोह आयोजित किया गया है। इस मौके पर ‘पैंथर्स’ के नाम से जानी जाने वाली नंबर 23 स्क्वाड्रन अंतिम फ्लाईपास्ट में हिस्सा लेगी। इसके बाद वॉटर कैनन सल्यूट के साथ ये शानदार फाइटर जेट्स अपनी आखिरी लैंडिंग करेंगे।

रक्षा मंत्री और IAF चीफ रहेंगे मौजूद
इस ऐतिहासिक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। समारोह में वायु सेना की अकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम भी अपनी शानदार प्रस्तुति देने वाली है। वहीं एयर वॉरियर ड्रिल टीम अपनी सटीकता और अनुशासन का प्रदर्शन करेगी। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह खुद मिग-21 को उड़ाकर इस विदाई को यादगार बनाने वाले हैं।

झूंझनू की रहने वाली हैं प्रिया शर्मा
मिग-21 फाइटर जेट की अंतिम उड़ान में 6 IAF पायलट्स शामिल होंगे, जिनमें स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा पर विशेष रूप से सबका ध्यान होगा। प्रिया भारतीय वायु सेना की सातवीं महिला फाइटर पायलट हैं और इस विदाई समारोह में उनकी भागीदारी ने इतिहास रच दिया। राजस्थान के झुंझुनू जिले से ताल्लुक रखने वाली प्रिया ने 2018 में डुंडीगल की एयर फोर्स एकेडमी से अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी। उन्हें तत्कालीन सेना प्रमुख बिपिन रावत ने ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट प्रदान किया था।

कैसा रहा है प्रिया शर्मा का सफर?
इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाली प्रिया ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए वायु सेना में शामिल होने का फैसला किया। वह अपनी बैच की इकलौती महिला फाइटर पायलट थीं। प्रिया ने अपनी शुरुआती ट्रेनिंग हैदराबाद के हकीमपेट वायु सेना स्टेशन से शुरू की और बाद में कर्नाटक के बीदर वायु सेना स्टेशन में स्टेज 2 और स्टेज 3 की अडवांस्ड फाइटर ट्रेनिंग पूरी की। बचपन में जब उनके पिता बीदर में तैनात थे, तब प्रिया ने जगुआर और हॉक विमानों को आसमान में उड़ते देखा और उसी समय उनके मन में पायलट बनने का जुनून जगा।

मिग-21 की विरासत का हिस्सा
इससे पहले अगस्त में, प्रिया ने बीकानेर के नाल वायु सेना स्टेशन में वायु सेना प्रमुख के मिग-21 विदाई उड़ानों में फॉर्मेशन में हिस्सा लिया था। आज चंडीगढ़ में होने वाली इस अंतिम उड़ान में उनकी मौजूदगी ने मिग-21 की शानदार विरासत को और गौरवमयी बनाने वाली है। मिग-21 ने भारतीय वायु सेना में 60 साल से अधिक समय तक अपनी सेवाएं दीं और कई युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस जेट ने न केवल भारत के रक्षा इतिहास में अपनी जगह बनाई, बल्कि कई पायलट्स के सपनों को भी उड़ान दी।

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Latest article