शुक्रवार की शाम एक बार फिर धरती डोल उठी, जब नेपाल के जाजरकोट जिले में आए भूकंप के तेज झटकों का असर बिहार के सीमावर्ती इलाकों में भी महसूस किया गया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.2 और 5.5 मापी गई, लेकिन असर नेपाल तक सीमित नहीं रहा. बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में भी कंपन महसूस किया गया, जिससे लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए.
अचानक जमीन में कंपन होने लगा महसूस
स्थानीय लोगों ने बताया कि, अचानक जमीन में कंपन महसूस होते ही घरों की दीवारें और खिड़कियां हिलने लगीं. लोग समझ नहीं पाए कि क्या हो रहा है, लेकिन कुछ ही पलों में सोशल मीडिया और समाचार चैनलों के जरिए पता चला कि यह भूकंप के झटके थे, जो नेपाल से उत्पन्न हुए थे. करीब तीन मिनट के अंतराल पर दो बार झटके आने से लोगों में घबराहट और ज्यादा बढ़ गई.
सभी घरों में बैठे थे अचानक हिलने लगी दीवार
सीतामढ़ी के लोगों ने बताया कि, सभी लोग घर में बैठे थे तभी अचानक दीवार हिलती महसूस हुई. हम सब डर के मारे बाहर निकल आए.” वहीं, पश्चिम चंपारण में भी लोग सड़कों पर नजर आए और मोबाइल पर एक-दूसरे की हालचाल पूछते नजर आए.
बार-बार आ रहे झटकों से सहमे हुए हैं सीमावर्ती जिलों के लोग
हालांकि किसी बड़े नुकसान की अब तक कोई सूचना नहीं है, लेकिन बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों से सीमावर्ती जिलों के लोग सहमे हुए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि हिमालय क्षेत्र में सक्रिय टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल का असर बिहार तक महसूस होता है और इससे सावधान रहने की जरूरत है