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Saturday, July 12, 2025

ज़मीन फर्जीवाड़े में मिश्रा परिवार और पुलिसकर्मी भी आरोपों के घेरे में, फर्जी दस्तावेज़ों से करोड़ों की जमीन हड़पी गई

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पीड़ित परिवार- हीरालाल यादव, घर- मझौली, थाना- बनियापुर, जिला – छपरा

छपरा जिले के वनियापुर थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज जमीन घोटाले का खुलासा हुआ है। मामले में फर्जी दस्तावेजों, झूठे गवाहों और जाली अनुबंधों के जरिए करोड़ों की बेशकीमती जमीन हड़पने की बड़ी साजिश सामने आई है। मुख्य आरोपी के रूप में कृष्ण बिहारी मिश्रा और उनके चार बेटों – नितेश कुमार, जितेश कुमार, अभिषेक कुमार और राकेश कुमार – के नाम सामने आए हैं।

पीड़ित परिवार का आरोप है कि मिश्रा परिवार ने केवल जमीन ही नहीं छीनी, बल्कि प्रशासन और पुलिस तंत्र की मिलीभगत से उन्हें धमकाया भी जा रहा है। दो पुलिसकर्मियों – मुन्डा सर और कैलाश सिंह यादव – पर भी प्रत्यक्ष रूप से धमकी देने के आरोप लगाए गए हैं।

फर्जी कागजात, झूठे सौदे और दस्तावेजों में हेराफेरी
जांच में सामने आया है कि जमीन के सौदों में फर्जी मोलबही, मनगढ़ंत ‘एकरारनामा’ और झूठे नामों का सहारा लेकर पूरे लेन-देन को वैध बताया गया। कीर्ति कुमार तिवारी नामक व्यक्ति ने मनोवर, रसता, अलमो जैसे क्षेत्रों की बेशकीमती जमीन को केवल ₹5000 के स्टांप पर फर्जी तरीके से बेचने की कोशिश की।

दस्तावेज़ों में कुलजार, संयम, बइया, इतकातील जैसे नामों का इस्तेमाल कर फर्जी लोकेशन दर्शाई गई और जमीन की पेशगी लेने के बाद कब्जा कर लिया गया। जमीन नापी और मापदंड में भी घोर गड़बड़ी की गई। चौदह धूर की जमीन को ‘मकान में शा’ बताकर जाली तरीके से रजिस्ट्री कर दी गई।

झूठे नाम, फर्जी गवाह और मनगढ़ंत बयान
दस्तावेजों में हीरालाल यादव, रीकदेव, मनशा, महादेवमीसीर जैसे अज्ञात नामों का उल्लेख कर एक कानूनी आवरण तैयार किया गया। साजिश इतनी गहरी थी कि प्रत्येक चरण में दस्तावेजी धोखाधड़ी का सहारा लिया गया। पीड़ित पक्ष का कहना है कि ऐसे झूठे नाम और ठिकानों के आधार पर जो सौदे हुए हैं, वे न केवल असंवैधानिक हैं, बल्कि जानबूझकर ठगी की मंशा से रचे गए हैं।

प्रशासन और राजस्व विभाग की चुप्पी पर सवाल
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी धोखाधड़ी स्थानीय राजस्व और रजिस्ट्री कार्यालय की जानकारी के बिना कैसे संभव हो गई। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की मिलीभगत के बिना ऐसा घोटाला मुमकिन नहीं।

जब वनियापुर थाना और तहसील कार्यालय से इस संबंध में सवाल किया गया, तो किसी ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। केवल यह आश्वासन दिया गया कि मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की जा सकती है।

पीड़ित परिवार की पुकार – हो निष्पक्ष जांच
मामले में ठगी का शिकार बने परिवार ने छपरा जिला प्रशासन से मांग की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। पीड़ितों ने यह भी कहा कि उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं ताकि वे कानूनी कार्रवाई से पीछे हट जाएं।

जनता में आक्रोश, उठ रही कार्रवाई की मांग
इस खुलासे के बाद वनियापुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भारी जनाक्रोश देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला ‘जमीन माफिया’ और भ्रष्ट तंत्र के गठजोड़ का प्रतीक है।

लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या गरीबों और किसानों की जमीन इसी तरह लूट ली जाती रहेगी? क्या न्याय सिर्फ रसूखदारों के लिए रह गया है?

अब सबकी निगाहें प्रशासन पर
क्या प्रशासन इस घोटाले पर सख्त कार्रवाई करेगा? क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय? और सबसे अहम – क्या ऐसे संगठित दस्तावेजी अपराधों पर लगेगा विराम?

इस पूरे मामले ने न सिर्फ जमीन विवादों की गंभीरता को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि जब फर्जी दस्तावेज और सरकारी चुप्पी साथ आ जाए, तो आम जनता की ज़मीन तक सुरक्षित नहीं रह जाती।

ई खबर मीडिया | छपरा | विशेष रिपोर्ट

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