4.6 C
Munich
Monday, December 1, 2025

‘कोविड काल में भी पराली जली, लेकिन साफ नीला आसमान क्यों दिखा?’ दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर बोले CJI

Must read

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषन पर स्वतः संज्ञान (Suo Motu) के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई कड़े सवाल पूछे और कहा कि हम हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकते।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने कई अहम टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर मे प्रदूषण का मामला आमतौर पर अक्टूबर में लिस्ट होता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इस मुद्दे पर रेगुलर सुनवाई होगी। अदालत महीने में कम से कम दो बार सुनवाई करेगी। सीजाआई ने ये भी सवाल किया कि साइंटिफिक एनालिसिस के अनुसार, सबसे ज़्यादा किसकी वजह से प्रदूषण हो रहा है? आइए जानते हैं प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कुछ कहा है।

पराली पर क्या बोले CJI?

CJI सूर्यकांत ने प्रदूषण को लेकर सुनवाई के दौरान पराली को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा- “हम पराली जलाने पर कमेंट नहीं करना चाहते, क्योंकि अदालत में उनका प्रतिनिधित्व मुश्किल से होता है। कोविड काल में भी पराली जल रही थी, लेकिन लोगों को फिर भी साफ नीला आसमान क्यों दिख रहा था? इसलिए पराली जलाने के मुद्दे को बेवजह राजनीतिक मुद्दा या ईगो का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। किसान जो कुछ भी जला रहा है, वह भी एक संपत्ति है।”

शॉर्ट टर्म प्लान क्या है?- CJI

CJI ने CAQM से पूछा कि उसका शॉर्ट टर्म प्लान क्या है? CAQM की तरफ से कहा गया कि वो शॉर्ट टर्म प्लान को लेकर हलफनामा दाखिल कर चुकी है। ASG एश्वर्या भाटी ने कहा कि “हम एक्शन टेकन रिपोर्ट फाइल कर सकते हैं, सभी अथॉरिटी- हरियाणा, पंजाब, CPCB सभी की रिपोर्ट के आधार पर।” CJI ने कहा कि “हम हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकते। कोर्ट सभी स्टेकहोल्डर्स को बैठकर सोचने-समझने के लिए एक प्लेटफॉर्म ज़रूर दे सकती है।” CJI ने CAQM से कहा कि वो एक हफ़्ते के अंदर पराली जलाने के अलावा दूसरे कारणों को रोकने के लिए उठाए गए असरदार उपायों पर एक रिपोर्ट जमा करें।” सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को करेगा।

आइए जानते हैं कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसने क्या कहा…

CJI: सिर्फ इसलिए कि मामला लिस्ट हुआ तो AQI सुधर गया—ऐसा नहीं होता। हमें इसे नियमित तौर पर सुनना होगा। 3–4 महीने बाद सुनवाई से काम नहीं चलेगा।

कोर्ट का पहला सवाल- शॉर्ट-टर्म प्लान क्या है?

ASG भाटी: हमने शॉर्ट-टर्म प्लान का पूरा एफ़िडेविट दाखिल किया है। सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक हुई है।

CJI: बैठक हुई, लेकिन एक्शन क्या है? पिछले आदेश में हमारे पूर्व CJI ने अमिकस की सराहना की थी… लेकिन आगे की ठोस कार्रवाई हमें बताएं।

कोर्ट: कागज़ नहीं, असर बताइए।

CJI: हम अंदाज़े पर नहीं चल सकते। समाधान विशेषज्ञ देंगे। कोर्ट सिर्फ मंच देता है। आप बताएं—आपके एक्शन प्लान से क्या असर पड़ा? आपकी उम्मीद क्या थी और नतीजा क्या हुआ?

CJI: पराली से कितना योगदान है?

ASG:यह सिर्फ एक पीरियडिक फैक्टर है।

जस्टिस बागची: Construction Ban लागू हुआ या सिर्फ कागज़ पर? पराली ही सब नहीं—कंस्ट्रक्शन बैन, वाहन प्रदूषण—यह भी बताएं कि जमीनी स्तर पर कितना लागू हुआ? कागज़ पर बैन होना अलग है, जमीन पर रियलिटी कुछ और। कौन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रहा है? कोर्ट ने कैटिगरी-वाइज रिपोर्ट मांगी

ASG: एफिडेविट में वाहन प्रदूषण, पराली, निर्माण, धूल—सबका कैटेगरी-वाइज योगदान दिया है। वाहन प्रदूषण सबसे बड़ा कारण है।धूल में इंडस्ट्रियल एरिया की कोटिंग से PM2.5 जहरीला हो जाता है।

CJI: वैज्ञानिक विश्लेषण बताइए—कौन सबसे ज्यादा योगदान दे रहा है?पराली को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं।कोविड के दौरान पराली थी, फिर भी आसमान साफ था—क्यों?

CJI: किसानों का बोझ मत बढ़ाइए। वे कोर्ट में प्रतिनिधित्व भी नहीं रखते।अगर वे जला रहे हैं तो वह भी एक ‘एसेट/कमोडिटी’ है जिसे सिस्टम संभाल नहीं पाया।

कोर्ट का निर्देश- 1 हफ्ते में ठोस रिपोर्ट दें

CJI: हम अन्य कारणों (पराली छोड़कर) पर एक हफ्ते में इफेक्टिव मेजर्स की रिपोर्ट चाहते हैं।

कोर्ट ने CPCB मॉनिटरिंग पर सवाल किया

ASG: मॉनिटरिंग में दिक्कत है, कई जगह से रिपोर्ट आ रही है कि मॉनिटर ठीक से काम नहीं कर रहे। CPCB जवाब देगा।

वकील की शिकायत- दिल्ली में गाड़ी पार्किंग ने सड़कें घेर ली हैं।

Counsel: सड़कों के दोनों ओर कारें पार्क हैं।भगवानदास रोड जाना हो तो भी रास्ता जाम।दिल्ली में वाहनों की संख्या अन्य सभी मेट्रो शहरों को जोड़ने से भी ज्यादा है।

कोर्ट: मेट्रो विस्तार गेम-चेंजर होगा, लेकिन समय लगेगा

CJI: मेट्रो प्रोजेक्ट बड़े हैं, असर दिखेगा, पर तब तक शॉर्ट-टर्म उपाय चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 10 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगा।

CJI: हम इस मामले को लंबा नहीं टालेंगे।कम से कम महीने में दो बार सुनवाई होगी।

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Latest article