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Thursday, November 13, 2025

किसने की थी दिल्ली में धमाके की प्लानिंग? जांच में सामने आया मास्टरमाइंड का नाम

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राजधानी दिल्ली में सोमवार को हुए धमाके के मामले की जांच लगातार जारी है। अब एजेंसियों की जांच में दिल्ली ब्लास्ट के मास्टरमाइंड के नाम का खुलासा हो गया है।

दिल्ली के लाल किला के पास धमाके की जांच अब इसके मास्टरमाइंड्स तक पहुंच रही है। इसी कड़ी में सबसे एक्टिव नाम जो उभर कर आया है वो है शोपियां के रहने वाले मौलाना इरफान का। जानकारी सामने आई है कि इरफान देश के कई हिस्सों में धमाका करने का प्लान बना रहा था। उसने ही डॉक्टर मुजम्मिल समेत कई लोगों का ब्रेन वॉश किया था। वह पाकिस्तान और दूसरे देशों में बैठे हेंडलर्स के संपर्क में था। हालांकि, मौलाना इरफान का प्लान कैसे फेल हुआ? कैसे देश के अनेक हिस्सों को दहलाने की प्लानिंग का भंडापोड़ हुआ? आइए जानते हैं।

कौन है मौलाना इरफान?
मौलाना इरफान उर्फ ​​मौलवी और डॉ. मुजम्मिल शकील से पूछताछ की एक रिपोर्ट सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, मौलाना इरफान जम्मू- कश्मीर के शोपियां के नदीगाम की रहने वाला है। ये 28 साल का है और मुफ्ती का काम भी कर रहा है। इसका संपर्क AGuH के आतंकी हाफिज मुजम्मिल तांत्रे से था जो कि 2021 में सुरक्षा बलों के द्वारा मारा गया था। मौलाना उससे लगातार संपर्क में था। 2021 में ही मुजम्मिल तांत्रे ने अपने तीन नाम बताए और वॉट्सऐप पर गाजी, हाशिम और एक और नाम के ज़रिए अपने आपको AGUH का कमांडर बताया।

टेलीग्राम के जरिए बात होती थी
जानकारी के मुताबिक, एक महीने के बाद डॉक्टर मुजम्मिल से एक और आतंकवादी ने संपर्क किया और उसने अपने आप को AGuH का दूसरा कमांडर बताया। 2022 में डॉक्टर मुजम्मिल ने आदिल से मौलवी को मिलवाया और उमर की मुलाकात भी यही हुई।ये तीनों अपना कश्मीरी संगठन बनाना चाहते थे। आरिफ ने कुरान की क्लासेज लेता था और आतंकवाद के प्रति लोगों को रेडिकलाइज्ड कर रहा था। हाशिम इन सभी को हथियार अलग-अलग समय पर मुहैया करवा रहा था और टेलीग्राम के जरिए बात करता था।

मुजम्मिल का आतंकी कनेक्शन
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर मुज़म्मिल इस समय चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद पर अल फलाह यूनिवर्सिटी पर तैनात था और करीब 9-10 लाख रुपया हर साल की उसकी सैलरी थी। डॉक्टर मुजम्मिल का दोस्त मुफ़्ती इरफान अहमद व जो मौलवी भी है, इसी ने 2021 में मुजम्मिल को आतंकवाद की तरफ आगे बढ़ाया और इसका साथ दिया मारे गए आतंकी मौसा मिल तांत्रे ने। इन लोगों ने मिलकर मुजम्मिल का रुझान आतंकवाद की तरफ किया। तकरीरें पढ़ी गईं, कई सारे पोस्टर्स दिखाए गए और वीडियोज दिखाए गये। 2021 में जब आतंकी मुजम्मिल तांत्रे बीमार था तो उस दौरान डॉक्टर मुजम्मिल ने उसको दवाई भी दी थी और इसका इलाज भी किया था।

डॉक्टर मुजम्मिल ने उमर को दिए थे पैसे
डॉक्टर उमर ने सारे दस्तावेज और जो सामान था वो मुहैया करवाया था लेकिन पैसे डॉक्टर मुजम्मिल ने उमर को दिए थे। आदिल मुजम्मिल शाहीन और बाकी लोगों ने मिलकर कुल मिलाकर 26 लाख रुपये इकट्ठे किए थे। ये सारा अमाउंट कैश में उमर को दिया गया। उन्होंने 26 क्विंटल NPK फर्टिलाइजर, गुरुग्राम, नूंह, हरियाणा से खरीदा। इसकी कीमत 3,00,000 रुपये थी। इसी के ज़रिए इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) तैयार करने की तैयारी थी। इसके लिए सारा सामान उमर ने खरीदा और किसी से भी उसने ग्रुप में सलाह नहीं ली थी।

पैसों को लेकर तकरार हो गई थी
डॉक्टर मुजम्मिल और उमर के बीच पैसों को लेकर तकरार भी हो गई थी जब डॉक्टर मुजम्मिल ने उससे 26 लाख रुपयों का हिसाब मांगा। डॉक्टर मुजम्मिल ने उसे कहा था कि या तो वह पैसों का हिसाब दे या पैसे दे या फिर सारा सामान डॉक्टर मुजम्मिल को चाहिए और फिर उमर ने सारा सामान डॉक्टर को दे दिया। उमर ने तीन महीने पहले एक Signal group तैयार किया था/ इसमें उसने 2-4 लोगों को जुड़ा था। जो हथियार शाहिना के पास से मिले थे वो भी उमर नहीं इनको मुहैया करवाया था।

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