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Sunday, April 13, 2025

शीतला अष्टमी पर बिहार शरीफ के मघड़ा गांव में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़,

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शुक्रवार से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मां शीतला के दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं, जहां भक्तगण घंटों इंतजार करते हुए भी अपनी आस्था में डिगे बिना “जय माता दी” के जयकारे लगाते नजर आ रहे हैं।

बिहार शरीफ के मघड़ा गांव स्थित प्राचीन शीतला मंदिर में शीतला अष्टमी के पावन अवसर पर आज श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाए जाने वाले इस महत्वपूर्ण पर्व पर मंदिर परिसर में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है, जिसमें दूर-दूर से भक्तगण अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंच रहे हैं।

श्रद्धालुओं की अटूट आस्था
शुक्रवार से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मां शीतला के दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं, जहां भक्तगण घंटों इंतजार करते हुए भी अपनी आस्था में डिगे बिना “जय माता दी” के जयकारे लगाते नजर आ रहे हैं। पूरा क्षेत्र श्रद्धालुओं से गुलजार है और मेला स्थल पर अस्थाई दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है।

चिकित्सकीय महत्व की परंपरा
शीतला माता को चेचक माता के रूप में भी जाना जाता है। स्थानीय पुजारी प्रभात पांडे के अनुसार, “मंदिर के पास स्थित शीतल कुंड में स्नान करने और हवन कुंड की भभूत को लगाने मात्र से ही चेचक जैसी बीमारियां और विभिन्न प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं।” ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला का पूजन करने से कई प्रकार के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है और विशेष रूप से त्वचा संबंधी रोगों से राहत मिलती है।

अनोखी परंपरा: चूल्हे नहीं जलेंगे आज
एक विशेष परंपरा के अनुसार, आज शीतला अष्टमी के दिन मघड़ा गांव सहित आसपास के लगभग एक दर्जन गांवों में चूल्हे नहीं जलाए जाएंगे। इसके लिए ग्रामीणों ने शुक्रवार, सप्तमी तिथि को ही मीठे कुएं के जल से प्रसाद के रूप में भोजन सामग्री तैयार की है, जिसे आज “बसियौड़ा” के रूप में ग्रहण किया जाएगा और परिवार के सदस्यों, सगे-संबंधियों तथा मित्रों के साथ बांटा जाएगा। लोकमान्यता है कि इस दिन चूल्हे जलाने से माता को तकलीफ होती है, जिसका अनिष्ट फल भक्तों को मिल सकता है।

आस्था की अटूट डोर

मेले में आई एक महिला श्रद्धालु ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया की “मैंने यहां आकर बेटी का वरदान मांगा था, जिसे मां ने पूरा किया है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है।”

सुरक्षा व्यवस्था

भारी भीड़ को देखते हुए दीपनगर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। पूरे परिसर की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि वार्ड पार्षद के पति जयंत कुमार भी मेले की व्यवस्था की देखरेख में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। इस वर्ष होली के ठीक आठ दिन बाद शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है आन मेले का दूसरा दिन है और कल तक श्रद्धालुओं का आगमन जारी रहेगा।

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