17.6 C
Munich
Tuesday, April 22, 2025

बिहार में कोई भी स्थान हवाई अड्डा से 200 किमी से ज्यादा दूर नहीं होगा… नये मिशन पर नीतीश सरकार

Must read

बिहार सरकार ने 13 जनवरी 2025 को इन हवाई अड्डों के विकास के लिए सहमति प्रदान की है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 19 फरवरी 2025 को Project Evaluation Committee की हुई बैठक में 7 हवाई अड्डों के विकास को सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की है.

बिहार में पिछले दो दशक में हवाई सेवाओं में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है. सूबे में हवाई संपर्क, बुनियादी ढांचे और आर्थिक गतिविधियों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. राज्य अब हवाई यातायात के मानचित्र पर पहले से कहीं मजबूती से खड़ा है. साल 2005 में बिहार में केवल पटना और गया हवाई अड्डे ही थे. 2005-06 में बिहार के हवाई अड्डों से कुल 4,788 विमानों की आवाजाही हुई थी. करीब 2.48 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी. जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 29,614 विमानों की आवाजाही और 42.86 लाख यात्रियों तक पहुंच गया.

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मार्गदर्शन और समन्वय में कार्य कर रही है. राज्य संसाधनों से हवाई अड्डों के विस्तार के लिए भूमि उपलब्ध कराई जा रही है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) आवश्यक बुनियादी ढांचे में जबरदस्त विकास कर रहा है. हमारा संकल्प है कि राज्य में कोई भी स्थान हवाई अड्डे से 200 किलोमीटर से अधिक दूर न हो.”

दरभंगा सिविल एन्क्लेव

दरभंगा सिविल एन्क्लेव, बिहार के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक अहम हवाई अड्डा है. यहां से कमर्शियल उड़ानों की शुरुआत 8 नवंबर 2020 को हुई. इसे केंद्र सरकार की उड़ान (UDAN) योजना के तहत विकसित किया गया. दरभंगा से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू की गईं. 2023-24 में यहां से 3,335 विमानों की आवाजाही और 5.26 लाख से अधिक यात्रियों का आवागमन हुआ.

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इस हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है. बिहार कैबिनेट द्वारा 90 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण के लिए ₹245 करोड़ की स्वीकृति 10 जनवरी 2025 को प्रदान की गई है.

अन्य हवाई अड्डों का विकास

बिहार में हवाई संपर्क को सुदृढ़ करने की दिशा में प्रगति हुई है. राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों और परियोजनाओं के तहत बिहार के विभिन्न हवाई अड्डों के विकास की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है.

1. रक्सौल ब्राउनफील्ड हवाई अड्डा

स्वीकृति: बिहार कैबिनेट द्वारा 10 जनवरी 2025 को 139 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को ₹207 करोड़ की लागत से स्वीकृति प्रदान की गई. यह हवाई अड्डा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के अधीन है और AAI द्वारा ही विकसित किया जाएगा.

2. बीरपुर हवाई अड्डा (सुपौल)

स्वीकृति: बिहार कैबिनेट द्वारा 4 फरवरी 2025 को 88.83 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को ₹42.37 करोड़ की लागत से स्वीकृति प्रदान की गई. यह हवाई अड्डा उड़ान (UDAN) योजना के तहत विकसित किया जाएगा.

3. पूर्णिया सिविल एन्क्लेव

विकास कार्य: पूर्णिया एयरपोर्ट (चूनापुर) के विकास को लेकर तेज़ी से कार्य हो रहा है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क को मजबूती मिलेगी.

पूर्णिया शहर से एयरपोर्ट तक बेहतर पहुँच के लिए बिहार सरकार ने गोआसी से चूनापुर के बीच चार लेन सड़क परियोजना को मंज़ूरी दी है. इस परियोजना से यात्रियों के लिए एयरपोर्ट तक सुगम और तेज़ आवाजाही संभव होगी. इसका कुल बजट ₹14,86,21,000 है.

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा अंतरिम सिविल एन्क्लेव के निर्माण का कार्य मार्च 2025 में शुरू कर दिया गया है. वहीं, एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल निर्माण का कार्य भवन निर्माण विभाग द्वारा दिया गया है और उसका कार्य भी मार्च 2025 में आरंभ हो चुका है.

यह परियोजना पूर्णिया और आसपास के क्षेत्रों के लिए हवाई संपर्क को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

4. बिहटा सिविल एन्क्लेव

परियोजना स्वीकृति: एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 459.99 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य का ऑर्डर दिया है. यह एयरपोर्ट निर्माण कार्य 2027 के अंत तक पूरा किया जाएगा.

पटना एयरपोर्ट पर यात्री दबाव अधिक है. बिहटा एयरपोर्ट इसके वैकल्पिक समाधान के रूप में विकसित किया जा रहा है.

इस एयरपोर्ट से A-321, B-737-800, A-320 जैसे बड़े विमानों का संचालन संभव होगा. नया टर्मिनल, यूटिलिटी बिल्डिंग, एयरसाइड रोड, टैक्सीवे, एयरफील्ड सिस्टम, सुरक्षा सिस्टम आदि शामिल होंगे. इससे बिहार को औद्योगिक और आर्थिक रूप से नई ऊंचाइयाँ मिलेंगी, और इमरजेंसी में उपयोगी होगा.

छोटे हवाई अड्डों का विकास

राज्य सरकार के स्वामित्व वाले भागलपुर, वाल्मीकिनगर, बीरपुर, मधुबनी, मुंगेर और सहरसा हवाई अड्डों के साथ-साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के मुजफ्फरपुर हवाई अड्डे को उड़ान (UDAN) योजना के तहत विकसित करने के लिए बोलियाँ प्राप्त हुई हैं. विकास का उद्देश्य: इन हवाई अड्डों को 19 सीटों तक की क्षमता वाले छोटे विमानों के संचालन के लिए तैयार किया जाएगा.

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Latest article