बिहार सरकार मठ-मंदिरों की जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कर रही है, जिससे अवैध कब्जे और हेरा-फेरी पर रोक लगेगी. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने विधान परिषद में बताया कि यह कदम पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
बिहार में मठ-मंदिरों की जमीनों के स्वामित्व को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ठोस पहल कर रही है. अब इन धार्मिक संपत्तियों का पूरा विवरण ऑनलाइन उपलब्ध होगा, जिससे अवैध खरीद-बिक्री पर रोक लगेगी. विधान परिषद में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने इस बारे में जानकारी दी.
वेबसाइट पर होगा जमीनों का पूरा ब्यौरा
अब तक मठ-मंदिरों की हजारों कट्ठा जमीनों का रिकॉर्ड व्यवस्थित रूप से उपलब्ध नहीं था. इन संपत्तियों की जानकारी सार्वजनिक न होने के कारण बिचौलियों की मिलीभगत से इन्हें औने-पौने दामों में बेचा-खरीदा जाता रहा है. सरकार इस गड़बड़ी को खत्म करने के लिए इन संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कर वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगी.
विधि विभाग को लिखा गया पत्र
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने विधि विभाग को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि राज्य में पंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की अचल संपत्तियों का पूरा विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध कराने की अनुमति दी जाए. इससे जमीनों के स्वामित्व की स्पष्ट जानकारी रहेगी और गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं रहेगी.
डिजिटलाइजेशन से कम होंगे भूमि विवाद
मंत्री संजय सरावगी ने बताया कि राज्य में भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण, राजस्व मानचित्रों के डिजिटल रिकॉर्ड और आधुनिक अभिलेखागार की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है. इससे भूमि विवादों में कमी आएगी और न्यायालयों में लंबित मामलों का समाधान तेजी से होगा.
भू-सर्वेक्षण कार्य के लिए इतने कर्मियों की हुई नियुक्ति
इसके अलावा, भू-सर्वेक्षण कार्य के लिए हजारों पदों का सृजन किया गया है और बड़ी संख्या में कर्मियों की नियुक्ति की गई है. राज्य में भू-सर्वेक्षण कार्य तेजी से किया जा रहा है,जिसके लिए 13,920 विशेष पदों का सृजन किया गया है और 13,058 कर्मियों की नियुक्ति कर दी गई है.