जयपुर में शिक्षा माफिया और फर्जी संस्थानों का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में पिंक सिटी नर्सिंग कॉलेज, जयपुर पर गंभीर आरोप लगे हैं कि कॉलेज प्रशासन ने 25 छात्रों से फर्जी तरीके से एडमिशन लिया, लाखों रुपये फीस और मूल शैक्षणिक दस्तावेज जमा करवा लिए, लेकिन अब तक छात्रों को न तो एनरोलमेंट नंबर दिए गए हैं और न ही कॉलेज को INC (इंडियन नर्सिंग काउंसिल) और RNC (राजस्थान नर्सिंग काउंसिल) से मान्यता प्राप्त है।
छात्रों के आरोप
पीड़ित छात्रों का कहना है कि:
कॉलेज ने उनसे मोटी रकम वसूली और एडमिशन दिया।
फर्जी तरीके से परीक्षा आयोजित कराई गई, जबकि संस्थान की कोई आधिकारिक मान्यता ही नहीं है।
RUHS (राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज) जाने पर उन्हें आश्वासन दिया गया कि मान्यता मिल जाएगी, लेकिन आज तक कोई मान्यता प्राप्त नहीं हुई।
जब छात्रों ने अपने डॉक्यूमेंट और फीस वापस मांगी तो कॉलेज डायरेक्टर दिलीप तिवारी ने अभद्र व्यवहार किया और फीस व दस्तावेज़ लौटाने से साफ इनकार कर दिया।
अन्य कॉलेज में ऐसा ही मामला
छात्रों ने बताया कि ऐसा ही एक मामला दिवाकर कॉलेज में भी सामने आया था, जहां 50 छात्रों का एडमिशन लिया गया था। इनमें से 10 अतिरिक्त अमान्य एडमिशन किए गए थे। जब इन 10 छात्रों ने हड़ताल कर अपने दस्तावेज़ और फीस वापस मांगी, तो कॉलेज प्रशासन ने उनका पैसा और कागजात लौटा दिए।
छात्रों की मांग
पिंक सिटी नर्सिंग कॉलेज के पीड़ित छात्र अब मांग कर रहे हैं कि:
1. उनकी फीस और मूल दस्तावेज़ तुरंत लौटाए जाएं।
2. कॉलेज प्रशासन और डायरेक्टर दिलीप तिवारी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
3. शिक्षा विभाग और नर्सिंग काउंसिल इस फर्जीवाड़े की जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न हो।
निष्कर्ष
यह मामला केवल कुछ छात्रों का नहीं, बल्कि पूरे नर्सिंग शिक्षा तंत्र पर सवाल खड़ा करता है। यदि INC और RNC से मान्यता प्राप्त नहीं है, तो ऐसे संस्थानों को बंद किया जाना चाहिए, ताकि किसी और छात्र का भविष्य बर्बाद न हो।