झारखंड के रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी है. बैद्यनाथ धाम स्टेशन के डेवलपमेंट की वजह से बंद की गयी 20 पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन आज 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रहा है.
बैद्यनाथधाम स्टेशन और उसके आसपास युद्ध स्तर पर डेवलपमेंट कार्य हो रहे हैं. अंग्रेजों के जमाने के इस स्टेशन को पूर्व रेलवे ने विकसित करने का फैसला किया है. स्टेशन के डेवलपमेंट के लिए रोहिणी बाइपास निर्माण कार्य के लिए स्टेशन से रेल सेवा को 31 मार्च 2025 तक बंद करने का निर्णय कुछ महीने पहले लिया गया था. अब 1 अप्रैल से इस स्टेशन से पहले की तरह सभी ट्रेनें चलने लगेंगी.
जसीडीह से बैद्यनाथधाम तक ओवरहेड तार का मेंटनेंस कार्य पूरा
जसीडीह से बैद्यनाथधाम तक ओवरहेड तार का मेंटनेंस कार्य भी पूरा कर लिया गया है. ट्रैक के अलावा ट्रेनों के परिचालन से संबंधित सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं. मंडल कार्यालय को इससे अवगत भी करा दिया गया है. गेट नंबर-5 पुरनदाहा फाटक को अब पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. यहां से गुजरने वाले लोगों के लिए रेलवे ने अंडरपास बना दिया है. पूर्व रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 15 अप्रैल तक बैद्यनाथधाम स्टेशन पर स्थित गेट नंबर छह को भी पूरी तरह से बंद कर दिया जायेगा, इधर से गुजरने वाले लोगों के लिए भी अंडरपास अंडर बनकर तैयार है. विभाग की ओर से अधूरे एप्रोच रोड के कार्य को तेजी से किया जा रहा है.
ड्रेनेज सिस्टम बेहतर, नहीं होगा जल जमाव
बरसात के दिनों में अंडरपास में जल जमाव की समस्या आम है. लेकिन यहां बने दोनों अंडरपास में जल जमाव की समस्या नाहीं होगी. एप्रोच रोड के दोनों ओर ड्रेनेज की व्यवस्था की गयी है, 5 और 6 नंबर अंडरपास के एप्रोच रोड की दूरी महज 10 मीटर के आसपास है, लेकिन 5 नंबर से गुजरने वाले वाहन 6 नंबर की सड़क का उपयोग नहीं कर पायेंगे. जल जमाव की समस्या नहीं हो, इसके लिए बीच में ही बड़ा ड्रेनेज बनाया जा रहा है और इस रास्ते से आवागमन की व्यवस्था नाहीं दी गयी है, जबकि लोगों की इस रास्ते से कम दूरी ही तय करनी होगी, रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, अगर दोनों सड़कों को एक साथ जोड़ दिया जायेगा, तो जाम की समस्या होगी और बरसात में जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो जायेगी.